आओ हम दीपदान करे
चारो तरफ फैल रहा हैं घोर अंधकार
आओ आशाओ का दीप प्रज्ज्वलित करें
आओ हम दीपदान करे।
आलीशान महल के पास
अंधेरे में लिपटी जो झोपङी हैं
उस बस्ती का तिमिर दूर करे
आओ मिलकर वहां जीवन रोशन करें
आओ हम दीपदान करे।
खुले बदन बच्चे दोङ रहें हैं इधर उधर
गली में रोटी की आस मे
आओ उनका सहारा बने
अपनी बाती से उनकी बाती प्रज्ज्वलित करे
आओ हम दीपदान करे।
सुखी धरती, बदरंग धरा
आज प्रकृति उदास हैं
आओ एक पौधा लगाने का संकल्प करे
इस धरा को हरियाली के रंग भरे
आओ हम दीपदान करे।
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